क्या होता है विनेगर । सिरका बनाने की विधि । सिरका के फायदे

विनेगर एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका अगर हिंदी में अनुवाद किया जाए तो सिरका होता है। सिरका बहुत पुराने समय से ही भारत ही नहीं बल्कि बाहर के बहुत से देशों में खाने का एक अंग रहा है।

सिर का इस्तेमाल करने के शुरुआती समय में, शहरों में कम लेकिन गांव के इलाकों में शुरू से ही सिरके का बहुत ज्यादा प्रचलन रहा है।

परन्तु जैसे समय बढ़ता गया, सिरका लगभग बड़े से बड़े शहर और छोटे से छोटे गांव में अपना पैर  बहुत अच्छे तरीके से जमाता गया।

यदि सिरके को आयुर्वेद की नजरों से देखा जाए तो इसको औषधि के रूप में माना गया है क्योंकि विनय यानी की सिरका शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदे कारक बताया गया है।

इसलिए यह सिर्फ खाने की आइटम में ही नहीं बल्कि शरीर को सवस्थ रखने के लिए भी इस्तेमाल में लिया जाता है।

बहुत से लोगों को लगता है कि सिरका सिर्फ एक ही प्रकार का होता है लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि सिरका कई प्रकार के हो सकते हैं।

विनेगर यानी सिरका कई फलों की सहायता से बहुत ही आसानी से बनाया जा सकता है।

सिरके के प्रकार

  • सेब का सिरका
  • अंगूर का सिरका
  • जामुन का सिरका
  • गन्ने का सिरका
  • अनानस का सिरका

हम आपको बताना चाहेंगे कि सिरका एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया की सहायता से बनाया जाता है जो कि ऊपर बताए गए सभी फलों में मौजूद होता है, तभी ऊपर बताए गए सभी फलों की सहायता से आप बहुत ही आसानी से अपने घर में  ही सिरका बना सकते हैं।

सिरके के फायदे

जैसा कि हमने आपको पहले बताया था कि सिरका सिर्फ खाने की चीजों में इस्तेमाल ही नहीं बल्कि शरीर को सवस्थ रखने में भी सहायता करता है।

इन दोनों चीजों को ध्यान में रखते हुए नीचे हमने सिरके के कुछ फायदे बताए हैं।

पेट खराब होने की समस्या:- यदि किसी कारणवर्ष आपका पेट खराब है और गैर संबंधित परेशानी का आप सामना कर रहे हैं तो एक ग्लास पानी दो चम्मच सिरका और दो चुटकी काला नमक डालकर पीले, ऐसा करने से पेट संबंधित सारी परेशानियां दूर हो जाएगी।

भूख कम लगने की समस्या:- कई बच्चों व बड़ों में यह समस्या बहुत आम होती है जिसमे भूख नहीं लगती या फिर कम लगती है, ऐसे में आप आधा कप सिरका में दो चुटकी नमक और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डालकर खाना खाने से एक घंटा पहले लें और आपको भूख लगने लग जाएगी।

मुरझाए हुए बालों की समस्या:- कयी महिलाएं व पुरुष इस समस्या से गुजरते हैं जिसमें उनके बाल बहुत रूखे और मुरझाए हुए हो जाते हैं लेकिन ऐसा हो जाने पर बिल्कुल तकलीफ ना लें सिर्फ एक मग पानी लें और उसमें एक चम्मच सिरका मिलाकर बाल धो लें ऐसा करने से आपके बाल एकदम चमकदार बन जाएंगे।

जलने की समस्या:- यदि आपका शरीर का अंग किसी वजह से जल गया है तो, तीन चम्मच पानी में एक चम्मच सिरका मिलाकर, जले हुए हिस्से पर पट्टी बांध लें ऐसा करने से जलने वाले हिस्से पर शांति मिलेगीं और बहुत ही कम समय में घाव भी भर जाएगा।

बाल झड़ने की समस्या:- आजकल के इस दौर में बाल झडने की समस्या हद से ज्यादा बढ़ चुकी है यदि आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो बालों की जड़ों में सिरके की मालिश करें इससे बाल मजबूत बनते हैं।

शरीर पर दाग धब्बों की समस्या:- दाग धब्बों को मिटाने के लिए आपको बेसन, मलाई, हल्दी और सिरका मिलाकर पेस्ट बनाना होगा और दाग धब्बे वाले स्थान पर करीब 1 घंटे के लिए लगाना होगा।

ड्राई स्किन की समस्या:- यदि हिंदी भाषा में बात की जाए तो इसको खुश्की की समस्या भी कहा जा सकता है, यदि आप भी खुशी की समस्या से जूझ रहे हैं तो सिरके में नींबू का रस मिलाकर हाथ पैरों की मालिश करें इससे त्वचा एकदम चिकनी व मुलायम बन जाएगी।

(नोट- ऊपर बताए गए सभी उपचार, अपने चिकित्सक की सलाह लेकर करें)

सिरका बनाने की विधि

सिरका दो प्रकार से बनाया जाता है,जिसमें पहली विधि में सिरका बहुत धीमी गति से तैयार किया जाता है और दूसरी विधि में शरीर का बहुत ही तेजी से तैयार हो जाता है।

धीमी गति से तैयार होने वाला सिरका अमूमन घरेलू लोग बनाते हैं और तेज गति से तैयार हो जाने वाला सिरका ज्यादातर व्यापारी लोग बनाते हैं।

धीरे गति में सिरका बनाने के लिए

  1. एक बड़ा बर्तन या कढ़ाई लें और उसमें जिसकी फल का सिरका बनाना हो उसके खमीर को उस बर्तन में तीन चौथाई भाग तक भरदे, बर्तन को पुराना भरकर इसको लगभग तीन चौथाई हिस्से में भरा जाता है ताकि उसमें हवा आने जाने की पूरी जगह बनी रहे।
  2. फल का खमीर बर्तन में भरके उसमें थोड़ा सा सिरका जिसमें एसिटिक एसिड मौजूद होता है वह डाला जाता है और फिर उसके बाद सिरके के सड़ने की क्रिया शुरू हो जाती है।
  3. इस दौरान बर्तन को पीसेस डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में रखना जरूरी होता है और इस प्रयास को कम से कम पूरा तैयार होने में 3-6 महीने तक लग जाते हैं।
  4. और 3-6 महीने में हमें बार बार छानना जरूरी होता है।

कम समय में सिरका बनाने के लिए

  1. सबसे पहले लकड़ी के या मिट्टी के बड़े पीपों को लकड़ी के छाल, कोयला और लोहे के टुकड़े आदि से भरा जाता है ताकि उसमें मौजूद जीवाणु को सुनिश्चित हवा की सुविधा मिल सके और उसके बाद एसिटिक एसिड और एल्कोहलिक जीवाणु को धीरे से पीपों के ऊपर टपकाया जाता है।
  2. उसके बाद जिसे भी फल कहा मैं सिरका बनाना होता है उस रस को ऊपर से पीपों में गिराते हैं, यह प्रक्रिया तब तक चालू रहती है जबतक सिरके की तेज गंध न आने लगे। और कुछ इस प्रकार सिरका तैयार हो जाता है।